Sunday, July 5, 2020

अपवर्तक दूरदर्शी

खगोलीय दूरदर्शी (Astronomical Telescope) 

खगोलीय दूरदर्शी एक प्रकाशिक यंत्र है जिसका उपयोग बहुत अधिक दूरी पर स्थित वस्तुओं  जैसे ग्रह ,उपग्रह , तारे आदि को  स्पष्ट रूप से देखने के लिए किया जाता है ।

बनाबट (Construction)

इसमें दो समाक्षीय उत्तल लेंस होते है,  अभिदृश्यक लेंस जो वस्तु की ओर होता है जिसका द्वारक तथा फोकस दूरी अधिक होता है एवं नेत्रिका जो नेत्र के समीप होता है  जिसका द्वारक तथा फोकस दूरी अभिदृश्यक की अपेक्षा कम होता है

दोनों लेंस धातु की दो समाक्षीय नलियों के सिरों पर लगे रहते है दोनों लेंस धातु की दो समाक्षीय नलियों के सिरों पर लगे रहते है तथा उनके बीच की दूरी को व्यवस्थित किया जा सकता है ।


Case 1 :जब अंतिम प्रतिबिम्ब अनंत पर बनता हो ( सामान्य समायोजन )




कार्य प्रणाली (Working) :


अनंत पर स्थित वस्तु से आती हुई समान्तर किरणे दूरदर्शक के अभिदृश्यक द्वारा अपवर्तित होकर इसके फोकस तल पर वस्तु की अपेक्षा उल्टा , वास्तविक तथा छोटा प्रतिबिम्ब A’B’ बनती है ।नेत्रिका तथा अभिदृश्यक के बीच की दूरी को इसप्रकार समायोजित किया जाता है की अभिदृश्यक द्वारा बना प्रतिबिम्ब नेत्रिका के फोकस तल पर बने ।इसप्रकार नेत्रिका वस्तु का सीधा,आभासी तथा आवर्धित प्रतिबिम्ब अनंत पर बनती है ।

अंतिम प्रतिबिम्ब वस्तु की अपेक्षा उल्टा तथा वास्तविक होता है



Case 2 : जब अंतिम प्रतिबिम्ब स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी (D) पर बनता हो ,



पार्थिव दूरदर्शी (Terrestrial Telescope)


इसका उपयोग पृथ्वी पर स्थित दूरस्थ वस्तुओं को देखने के लिए किया जाता है  ।




गैलीलिओ दूरदर्शी (Gallilean Telescope)

यह भी एक पार्थिव दूरदर्शी है परन्तु इसका दृष्टि क्षेत्र कम होता है ।


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