सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता उसकी फोकस दूरी को कम कर बढ़ाई जाती है , लेकिन लेंस की फोकस दूरी को एक निश्चित सीमा तक कम किया जा सकता है । इसीलिए उच्च आवर्धन प्राप्त करने के लिए संयुक्त सूक्ष्मदर्शी का प्रयोग किया जाता है ।
बनावट (Construction)
इसमें धातु की एक बेलनाकार नली होती है , जिसके एक सिरे पर कम फोकस दूरी व् छोटे द्वारक का उत्तल लेंस स्थित होता है जिसे अभिदृश्यक लेंस (Objective Lens) कहते है ।नली के दूसरे सिरे पर एक अन्य नली लगी होती है जिसके बाहर वाले सिरे पर एक अन्य उत्तल लेंस होता है जिसकी फोकस दूरी व् द्वारक अपेक्षाकृत अभिदृश्यक लेंस से बड़े होते है जिसे नेत्रिका (Eyepiece) कहा जाता है ।
कार्यप्रणाली (Working)
वस्तु AB को अभिदृश्यक लेंस के सामने लेंस की फोकस दूरी से कुछ आगे रखते है ।वस्तु से निकलने वाली किरणे इस लेंस से अपवर्तित होकर वस्तु का वास्तविक ,उल्टा और आवर्धित प्रतिबिम्ब A’B’ बनती है ।यह प्रतिबिम्ब नेत्रिका के लिए वस्तु का कार्य करता है ।
नेत्रिका को इस प्रकार समंजित करते है कि प्रतिबिम्ब A’B’ नेत्रिका के फोकस एवं प्रकाश केंद्र के बीच बने ।इस प्रकार नेत्रिका वस्तु का आभासी एवं आवर्धित प्रतिबिम्ब A’’B’’बनाता है ।
अंतिम प्रतिबिम्ब मूल वस्तु के सापेक्ष उल्टा बनता है ।
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